कांग्रेस अध्यक्ष के लिए रेस में दिग्विजय सिंह का नाम

राजस्थान के ताजा सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस हाईकमान बड़ा फैसला ले सकता है। इसकी संभावना बढ़ती जा रही है। खबर है कि अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो सकते हैं। कांग्रेस के सीनियर नेताओं का कहना है कि अब मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल, पवन बंसल अध्यक्ष पद की रेस में हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम भी चर्चा में आया था, लेकिन उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि वे मध्यप्रदेश छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। कमलनाथ की ना के बाद दिग्विजय सिंह का नाम फिर चर्चा में हैं।
दिग्विजय सिंह को पार्टी का सर्वोच्च पद मिलने की संभावना पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि गहलोत को छोड़ दिया जाए तो वेणुगोपाल और खड़गे की तुलना में दिग्विजय सिंह में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की काबिलियत है, लेकिन इसका नकारात्मक पक्ष भी है।
दिग्विजय सिंह को क्या कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है? इस सवाल पर राजनीतिक विश्लेषक अरुण दीक्षित कहते हैं कि इसकी संभावना कम ही दिखती है, लेकिन गहलोत रेस से बाहर हैं तो जिन तीन नामों की चर्चा है, उसमें दिग्विजय सिंह में ही इस पद को संभालने की काबिलियत दिखाई देती है। पार्टी के भीतर उनकी स्वीकार्यता का स्कोर क्या है? यह भी बड़ा सवाल है। इस बारे में दीक्षित कहते हैं- कमलनाथ मप्र में पार्टी के अध्यक्ष हैं। क्या वे दिग्विजय सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार करेंगे? लेकिन कमलनाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने तैयार हो जाएं तो दिग्विजय को प्रदेश अध्यक्ष बनाने में कोई गुरेज नहीं होगा। ऐसा मेरा मानना है।
इसी तरह कांग्रेस की गतिविधियों को लंबे समय से कवर कर रहे वरिष्ठ पत्रकार आशीष दुबे कहते हैं कि कांग्रेस में फिलहाल दिग्विजय सिंह ही एक ऐसे नेता दिखाई पड़ते हैं, जिनमें मोदी-शाह की बीजेपी से लड़ने की क्षमता है, लेकिन दिग्विजय के हाथ में कांगेस की कमान आने से बीजेपी को फायदा भी दिखाई देता है। इसकी वजह यह है कि दिग्विजय धार्मिक मुद़्दों पर मुखर रहते हैं। ऐसे में भाजपा को हिंदू-मुस्लिम पोलराइजेशन करने का मौका मिलेगा।